Book Title: Ratnasar
Author(s): Tarachand Nihalchand Shravak
Publisher: Tarachand Nihalchand Shravak

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Page 327
________________ पृष्ठ. पंक्ति. पंक्ति २२५ उनी अष्टमेशेवर .२३० " "" 19 30 33 " 29 २३२ राम ॥ शुद्धिपत्र ॥ अशुद्ध..? शुद्ध: पडरिs इत्थीओ पारेs इत्थी वेश्या परइथिओ वेसा विहवा रूव कुमारी परइत्थी सहूवा कुमारी जोगरसुइणेस नियमोय. स पह संसार विसार, नाम संसारे र्बेसार, नाम एबे सम्यग 25 1 सम्यग् ५ चत्वारिय ३ १. समव ११ सुकुमोय १३ विद्या योगे दुन्नियराओ के उषसु उव समीयर उखूउव समीयं २ वेयगमुबिसामी वेयग मुविसामी संमत्त รร दस " ,, १३-१५ पर्याप्त (२३) चुत्तारिय दुन्निवाराओ सुहुमोय खिजा योग देस पर्याप्ति

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