Book Title: Ratnasar
Author(s): Tarachand Nihalchand Shravak
Publisher: Tarachand Nihalchand Shravak

View full book text
Previous | Next

Page 326
________________ (२२) पृष्ठ. २१७५१ G २२० २२२ 99 "" 99 पंक्ति: श्रशुद्ध. पाउब अंघ कह्यांछे. '' S ॥ शुद्धिपत्र ॥ श ५ पन्नवरणाना पहिला आतड पदमांहि OR TALEN २२३०१३ २९... १४ एवं ५ १५ मिलियं १.६ तथा २२४१ धमंथ केवल परमथं "१२ दिन्न न्यदिन्न दिन्न न्यदिन्न ५ तथा संभकप्पा शुद्ध. पाउबग निर्पराधेनिरापराधें अध: कह्याहै. पन्नत्र णानां पहिला पदमांहिपण छे. तसा. संकप्पा ५ एवं मलियं तहा धम्मच्छं केवल - N परमत्थं. दिन्नमदिन्नं,

Loading...

Page Navigation
1 ... 324 325 326 327 328 329 330 331 332