Book Title: Ratnasar
Author(s): Tarachand Nihalchand Shravak
Publisher: Tarachand Nihalchand Shravak

View full book text
Previous | Next

Page 331
________________ उत्साह हुवा, तथा इस को पढ़ने से सब को आत्मस्वरूप का लाभ होने का उपकार समझके तथा यहां के सहधर्मी भाइयों का आग्रह देखकर यह ग्रन्थ मुद्रित कराया है. इस लिये आत्मार्थी पुरुषों को यह ग्रन्थ लेने की सूचना करने में आती है. इस के साथही औरभी पुस्तक छापे गये हैं जैसे-आत्मधारा, साधु वन्दना तथा बनारसीदासजी कृत ज्ञानपच्चीसी,अध्यात्म बत्तीसी, ध्यानबत्तीसी, आगम अध्यात्म स्वरूप निमित्त उपादान चौभंगी इत्यादि इन सब पुस्तकों की एक जिल्द का मूल्य ॥) है डाक महसूल इस से अलग. पता: .... बाबू चांदमल बालचंद ___चोमुखी पुल रतलाम (मालवा)

Loading...

Page Navigation
1 ... 329 330 331 332