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गाथार्थ ॥ ख्याति उसाप्पणी जाय. ४.
३.४३ प्रश्न में 'उदारं प्रधान' इत्यादि ५गाथा आई हैं उन का अर्थः___ उदार नाम भलो शस्वी उदारिक कहिये अर्थ तीर्थकर गणधर ने अधिकार करीने छै तथा उदारिक काईक अधिको लाख जोजनो माटे उदारिक. १. ___ वैक्रिय बे प्रकारनों-एक भवधारणीय बीजों उत्तर वैक्रिय. तथा एक थइ अनेक थाय, अनेक थइ एक थाय, बीजा शरीरनी अपेक्षा मोटो ते वैक्रिय शरीर छे. २. :: कथा में जो कोई वखते शंका उपजे चउद पूर्व धारीने आहारिकविशिष्ट लब्धि होय ते लब्धी करीने जे यहां आहारिक शरीर को तेने आहारिक शरीर कह्यो छे ते आहारिक नो आकार बली अत्यंत वैक्रिय थी शुभ छे. ३.
तेजस ते श्राहार लेइ परिणमावा नो कारण ते तेजस शरीर कहिये. ४.