Book Title: Ratnasar
Author(s): Tarachand Nihalchand Shravak
Publisher: Tarachand Nihalchand Shravak
View full book text
________________
॥ शुद्धिपत्र ॥
-
-
पृष्ठ. पंक्ति. अशुद्ध. शुद्ध. १३ १५ तिणै तिणे १४ ३ (सुलभवोधिशोथई सुलभवोधि वहिलो सिडिवरे). ओथई वहिलो
सिद्धिवरै . ५ वेहलो , वहेलो ६ वेहलोही वहेलोही
. परणीति परिणतः ११-१२ पुद्गलीक पुद्गलाश्रित पौद्गलिक १५ अविनाशी .. विनाशी , आत्म प्रवृत्ति आत्म अशुद्ध
प्रवृति अपात्रप्पमिरउं. अप्पाअप्पम्मिरउ
प्रवर्त्तान प्रवर्तन १७१ पौं , ५ निर्जरै निर्जरे
६ ना बांधणा नवा घपा १८ १० विपरीताभी विपरीताभि
-
पछे
४ :

Page Navigation
1 ... 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332