Book Title: Ratnasar
Author(s): Tarachand Nihalchand Shravak
Publisher: Tarachand Nihalchand Shravak

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Page 313
________________ ॥ शुद्धिपत्र ॥ पृष्ठ. पंक्ति अशुद्ध. शुद्ध. ११५ ४ लेहण लेण " १३ सन्न सह १४ अवस्यं अवस्सं १५ द्वियं सखिज्ञ द्वियं संखिज्ज " यवी यव्वा , १७ नियुक्तो नियुक्तोः ११६ १ कोटीकावधो कीटिका वहवो वहवा . वहवः , २-३ तदा समूर्छछिमप्राण यदा समुर्छिम विरह तदाकाटिका नराणां विरह स्तोकानरा वहवा काल तदा कीटिका बहवःतेषां विरहो न तदा।कीटिका स्तोकाः॥

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