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॥ रत्नसार ॥ (१७१) २००० धनुषे कोस. चिहुँ कोसै एक योजन प्रमाणे लांबो, पहुलो, ऊंडो एहवो कुप पालो कहिये ते मधे देव कुरू उतर कुरू ना युगलीया ने बाले ठांस भरिये तो एक समय एके को काढतां जिवारे पालो खालीये थाइ तेतलो काल बादर उद्दार पल्योपभ संख्यातो काल थाइ, संख्याताखंड मार्ट. १. तथा पूर्व वालानः खंड ना एक ना असंख्याता कल्पीयें समैं समे काढतां जिवारे खाली थाई तिवारे सूक्ष्म उद्वार पल्योपम. २ एहवा २५कोडा कोडि पल्ये ही समुद्र ना परमाण है. तथा पूर्वोक्त पालो वालाने भरयो छै ते सोए बरसै एक खंढ काढतां पालो खाली थाय ते बादर श्रद्वा पल्योपम संख्यात वर्ष प्रमाण माटे. ३. हिवे ते खंड ना असंख्याता खंड कल्पिइ. तेह नो कल्पना खंड खंड सौ सौ वरसे एके को काढता हुता जिवारे पालो निर्लेपम थाइ तिवारे अहा पल्योपम सूक्ष्म थाइ. ते हवै दस कोडा कोडी अद्वापल्योपमे एक सागरोपम तीणे दस कोड़ा कोड़ी सागरे एक अवसर्पणी