________________
(10)
॥ गाथार्थ ॥ "
६ प्रश्न में 'अद्धे तेरस' इत्यादि गाथा श्राई
है उस का अर्थ:
साठि बार कोड उत्कृष्ट सोनाइया नी वृष्टि होय जिहां तीर्थंकर पारणो करे तिहां अने जघन्य साढी बारे लाख सोनइया नी वृष्टि होय ए वसुधारा प्रमाण छे.
१० ३रे प्रश्न में 'द्वादशश्चैव' इत्यादिक काव्य है उस का अर्थः—य गाथा अशुद्ध मालुम होती है तो पण भावार्थ लिखते हैं:
--
...सो कोड बारे कोड असी लाख कोड एतावता असी लाख ने एक सो बारे कोड उपर अठावन हजार कोड संख्या अंग ना पद नी श्लोक संख्याकही तेने नमुं छं.
* इसी प्रश्न में ' अट्ठेव ' इत्यादि गाथा आई है उस का भावार्थ:--
एकावन कोड आठ लाख चोरासी हजार छसो साढा इकवीस एटले एक पद नो ग्रन्थ छे.