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॥ रत्नसार ॥ अनंत गुण मिश्रित द्विणुकादि स्कंध रूप गमन मोख्य रूपान्तर गुण नो कि गोणता सत्तागुण नुं की मुख्यता तिहां अशुद्ध पुद्गल कहिये.
___ अथ पुद्गल के पर्याय किं ? एक व्यंजन पर्याय, एक अर्थ पर्याय. व्यंजन पर्याय के भेद २-एक शुद्ध व्यंजन, एक अशुद्ध व्यंजन पर्याय. शुद्ध व्यंजन पर्याय ते किम् ? अविभागी परमाणु शुद्ध आकाश प्रदेशे तिष्ठति, षट्कोणी आकृति, तिहां शुद्ध व्यंजन पर्याय कहीजे. बीजो अशुद्ध व्यंजन पर्याय ते किं ? द्विणुकादि स्कंध रूप स्थूल सूक्ष्म रूप परिणामै तिहां अशुद्ध व्यंजन पर्याय कहीजे.
पुद्गल के अर्थ पर्याय के दो भेद-एक शुद्ध अर्थ पर्याय, एक अशुद्ध अर्थ पर्याय. शुद्ध अर्थ पर्याय किम् ? शुद्ध अविभाग परमाणु षट् गुणी हानि वृद्धि रूप आपणे गुण सुं करै तिहां पुद्गल को शुद्ध अर्थ पर्याय कहीजे. अशुद्ध अर्थ पर्याय किं ? द्विणुकादि