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॥ रत्नसार ॥ (९७) तो शक्ति शब्दै गुण नथी. तो शब्दै सांभलिये छै कानै ते जीव नो गुण छै किम् पुद्गल नो गुण छै इति प्रश्न श्या ऊपर का छै ते एकसौ तेतीसमो प्रश्नः-परमाणु मां बे फरस छै. कर्म नी वर्गणा मां च्यार फरस छै. शीत १. उष्ण २ लूखो ३ चोपड्यो ४ ए च्यार फरस छै. शरीर मां आठ फरस है ते ४ च्यार फरस बीजा किहां थी अाव्या? ते ऊपरि आठ फरस किहां थी नीपन्या ? ते किहां ? इहां बे संबंध छै- समवाय संबंध १. अने संयोग संबंध २. समवाय संबंध वस्तु गुण छै ते जाणवो देखवो. षट द्रव्य पिण समवाय । ४। इति. संयोग संबंधे घणा मिले उपचारे अपर गुण नीपजे. कुण दृष्टांते ? खारो अने हलदरे जिम रत्तास थाइ तिम शब्द गुण नीपन्यो. प्रात्मा पुद्गल योगे शब्द थयो तिम ४ च्यार समवाय संबंध हता तिम अपर बीजा ४ च्यार संयोग संबंधे नीपन्या ए आठ फरस कहिये.
१३४. हिवै पर भव - आयु किम बंधे ते एकसौ चौंतीसमो प्रश्नः-योग १ कषाय २ ध्यान ३