________________
मुहूर्तराज ]
क्र.सं. शीर्षक नाम
५६
५७
वस्तचार फल
वस्तवत् अन्य ग्रह दिशा स्थिति बोधक
चक्र त्रय
५८ शिवचार
५९ शिवचार फल
६०
६१ संक्रान्त्यनुसार शिवस्थिति से गन्तव्य
सिद्धिद दिविदिग्बोध सारणी
६२ गेहारम्भ में लग्न बल
६३ हारम्भ में कुछ विशेष
सूर्य संक्रान्तिपरत्व दिविदिक् स्थित
शिवचार बोधार्थ सारणी
७०
७१
६४ बलवद् लग्न में प्रारब्ध घरों की आयु
६५ लक्ष्मीयुक्त गृहों के ३ योग
६६ गृहारम्भ में अनिष्टप्रद योग
६७ गृहारम्भ में अशुभकारक नीच निर्बल एवं अस्तगत चन्द्रादि
६८ गृह कूप की दिशानुसार स्थिति फल ६९
गृह कूप की उपयुक्तानुपयुक्त दिशाएँ एवं तत्फल सारणी
भवन में अन्यान्य प्रकोष्ठ दिविदि
भवनगत अन्यान्य प्रकोष्ठों का
दिशाविदिशानुसार मानचित्र
७२
द्वार चक्र एवं उसका फल ७३ द्वारांगों पर स्थित चन्द्र नक्षत्र संख्या
एवं शुभाशुभ फल बोध सारणी
७४ अंगधिष्ठित नक्षत्र वशात् शुभाशुभ फल सूचक द्वार मानचित्र
द्वार शाखा स्थापन नक्षत्र
७५
७६
७९
द्वारशाखा विहित चन्द्र नक्षत्रों की भी
सूर्य नक्षत्र परत्व ग्राह्याप्राह्यता बोध सारणी
७७ द्वारशाखावरोपण में शुभाशुभ तिथियाँ
७८
द्वार शाखावरोपण में शुभाशुभ तिथि फल सारणी
द्वार शाखावरोपण में लग्न शुद्धि
Jain Education International
पृष्ठ सं.
२०१
२०१
२०१
२०२
२०३
२०४
२०५
२०६
२०६
२०६ २०८
२०८
२०८
२०९
२०९
२०९
२१०
२११
२१२-२१३
२१३
२१४
२१५
२१६
२१६
२१६
क्र.सं. शीर्षक नाम
८०
द्वारशाखावरोपण में राहु विचार
८१ सूर्यसंक्रात्यनुसार राहु स्थिति दिगुज्ञापक मानचित्र
द्वार कपाट मुहूर्त
द्वार कपाट युग्मयोग में शुभाशुभ
फल ज्ञापक तालिका
द्वार वेध विचार
द्वार वेध फल
८२
८३
८४
८५
१ अपूर्व प्रवेश एवं सुपूर्व प्रवेशार्थ
काल शुद्धि
जीर्ण गृह प्रवेश
प्रवेश में तिथिवार निर्णय
४
त्रिविध गृह प्रवेश में लग्नबल
५ दिग्द्वारीय गृहों के दिग्द्वारीय नक्षत्र निर्देश सहित ४ मानचित्र
२
३
६
७
-: इति वास्तु प्रकरणम्ः(अथ गृह प्रवेशा पर पर्याय प्रतिष्ठा प्रकरण) ५
वामार्क ज्ञान एवं तिथिपरत्व पूर्वादिदिगुद्वार भवन प्रवेश
८ पूर्वादिदिङ्मुख गृहों के प्रवेश कुण्डली
सहित ४ मानचित्र
९ पूर्वादिमुख भवन प्रवेशार्थं विहित
१०
११
गृह प्रवेश में लग्नशुद्धि, तिथिशुद्धि एवं प्रवेश विधि
१३
१४
तिथि ज्ञान सारणी
प्रवेश समय में शुक्र स्थिति
ग्रहों की प्रकारत्रय से प्रबुश कुण्डली
में स्थिति
१२ गृह प्रवेश लग्न कुण्डली में ग्रहों की उत्तम मध्यमाधम स्थितिबोधार्थ सारणी
गृह प्रवेश में कलश चक्र
सूर्यनक्षत्र से चन्द्रनक्षत्रावधि गणना गत कलश वास्तुचक्र शुभांग स्थिति
For Private & Personal Use Only
[ २९
पृष्ठ सं.
२१६-२१७
२१७
२१७
२१८
२१८
२१८
२२०-२२३
२२३
२२३
२२४
२२५
२२५-२२७
२२८
२२९
२२९
२०३
२३०
२३१
२३१-२३२
www.jainelibrary.org