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३२० ]
[ मुहूर्तराज
साधक अक्षर - ढ १०
साध्यजिन
तारा
योनि
वर्ग
विंशोपक
गण
नाडी
धन
मध्य
साध्यनाम
स्वकीय विरुद्ध
वानर मेष
लभ्य
मनुष्य राक्षस
४,६,८
वृषभ
| मध्य
स
अशुभ
स्व
मध्यम
सम
मध्यम
सम
अशुभ
अशुभ
अशुभ
अशुभ
मध्यम
अशुभ
स्व
एकम
मध्यम
अशुभ
श्री ऋषभदेवजी श्री अजितनाथजी श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी श्री चन्द्रप्रभजी श्री सुविधिनाथजी श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी श्री वासुपूज्यजी श्री विमलनाथजी श्री अनन्तनाथजी श्री धर्मनाथजी श्री शान्तिनाथजी श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी श्री पार्श्वनाथजी श्री महावीरस्वामीजी
अशुभ अशुभ अशुभ
अशुभ
| शुभ
स्व
मध्यम
श्रेष्ठतर वेध श्रेष्ठतर प्रीति | वेध
अशुभ
मध्यम
|
वैर
मध्यम
| शुभ
अशुभ । शत्र
मध्यम
| श्रेष्ठतर
मध्यम
शुभ अशुभ
अशुभ
|
मैत्री
|
(वैर)
मध्यम
मध्यम
शभ
श्रेष्ठ२२ भवेध
अशुभ अशुभ
श्रेष्ठ | भवेध
वर्ण
एकनाथ मीन
वश्य सवें
नक्षत्र युजि पू.षा. | पश्चिम
गुरु
क्षत्रिय
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