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[३५९
मुहूर्तराज ]
साधक अक्षर - हु, हू, हे, है ,हो, हौ (हो, हौ ३-६-२२ भवेध) | नं. | साध्यजिन | तारा | योनि | वर्ग | विंशोपक
तारा
गण
|राशि | नाडी
|
कके,
| मेष
देव
मिथु.
मध्य
साध्यनाम
स्वकीय विरुद्ध
वानर
राक्षस
कुंभ
मध्यवेध
|
अशुभ
मध्यम
प्रीति
मध्यम
|शुभ
अशुभ
अशुभ
अशुभ
अशुभ
शभ
.
4 * * * * 4 4
मध्यम प्रीति
अशुभ
कुवैर
मध्यम
कुवैर
सम
श्री ऋषभदेवजी २ श्री अजितनाथजी
श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी | श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी
श्री सुपार्श्वनाथजी ८ श्री चन्द्रप्रभजी ९ श्री सुविधिनाथजी
श्री शीतलनाथजी ११ श्री श्रेयांसनाथजी १२ श्री वासुपूज्यजी
श्री विमलनाथजी श्री अनन्तनाथजी
श्री धर्मनाथजी १६ श्री शान्तिनाथजी
श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी
श्री पार्श्वनाथजी २४ श्री महावीरस्वामीजी
पति कर्क चन्द्र
मध्यम
मध्यम | वेध
मध्यम
अशुभ
श्रेष्ठतर
अशुभ
मध्यम
अशुभ
श्रेष्ठतर
सम
अशुभ अशुभ
श्रेष्ठतर शुभ श्रेष्ठ
वेध
अशुभ
मध्यम
राशि
एकनाथ
वर्ण
वश्य
नक्षत्र
युजि
ब्राह्मण
पुष्य
मध्य
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