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मुहूर्तराज ]
[३६७
मुहूर्तनाम
नक्षत्रनाम
मासनाम
तिथि
वार
लग्न
५९
शुभ
६०
६१
शुभ
सू. मं.
६३
निष्क्रमण मु. (बच्चे | ह. पुन. पुष्य, श्र. ध. अनु. ज्ये.
४,९,१४,३० को प्रथम बार घर | मू. रो. रे. उ. फा. मृ. उ. षा.
को छोड़कर | सू. चं. बु. ५, ६ से बाहर ले जाना)| स्वा. जन्म से ३ अथवा ४ मास में
अन्य तिथि | गु. शु. वाग्दान मु. (लड़के | रो. उ. ३ रे. मू. स्वाती मृ. म.
| शुभ शुभ लड़की का सम्बन्ध) अनु. ह. कृ. पू. ३ श्र. ध. स्त्रियों के लिये नूतन| ह. चि. स्वा. वि. अनु. अश्वि.
गु. शु. बु. | १२, ६, वस्त्र धारण मुहूर्त | ध. रे. केवल स्त्रियों के लिए पुरुषों के लिये नूतन| ह.चि.स्वा.वि. अनु. अश्वि. ध.
शुभ गु. शु. बु. १२, ६, वस्त्र धारण मु. | रे. पुन. पुष्य, रो. उ. ३
४,९,१४,३० भैषज्य मुहूर्त ह. अश्वि . पुष्य, श्र. ध. शत. मू.
को छोड़कर | सू. चं. बु. (दवाई लेना) | पुन. स्वा. म. रे. चि. अनु.
अन्य तिथि | गु. शु. शस्त्रकर्म मुहूर्त
रवि मंगल (ऑपरेशन)
केन्द्र में तैलिकयन्त्र मुहूर्त | अवि. पुन. पुष्य, ह. चि. अनु.]
रिक्ता तथा (आइल मिल ज्ये. ध. रे. तथा उस दिन
अमा. के बिना शुभ
शुभ घाणी आदि) कोई अशुभ योग न हो
अन्य तिथि सूर्यनक्षत्र से चन्द्रनक्षत्र तक गणना तैलिकयन्त्र चक्रम |७ संप ३ शोक २ विषद् ७ धन
केन्द्र में मुहूर्त ३ ऋद्धि ५ सौख्य
शुभग्रह वस्त्रनिर्माण यन्त्र | मुहूर्त (कपड़ा मिल | रो. रे. चि. अनु. मृग. उ. ३
शुभ | चालू करना)
| बु. गु. शु. है. चि. स्वा. अनु. ज्ये. मू.
कृष्णपक्ष ६७ सर्वदेव प्रतिष्ठा मु. श्र. ध. शत. रे. अश्वि पुन,
दशमी तक सो. बु. ३, ६, ९, १२ पुष्य, उ. ३ रो. मृग
तथा शु. पक्ष | गु. शु. २, ५, ८, ११
२, ३, ५, ६ चैत्र, फा. वै. ज्ये. माघ मास
७, १०, ११
१२, १३, १५ पू. षा. अश्वि . ह. चि. स्वा. श्र. रे.ध.शत.ज्ये. पू. फा. पुष्य, मृ.
सूर्य अथवा मन्त्रदीक्षा मुहूर्त |उ. ३/चै. पौ. ज्ये. आषा भाद्र,
चन्द्र ग्रहण इन मासों को छोड़कर अन्य मास सन्यरतदीक्षा मु. पुष्य उ. ३ मृ. रे. अनु. ध.
५, १०, १५ | गु. श. |
शुक्लपक्ष "बालबोध ज्योतिः सार समुच्चय से उद्धृत"
सू. चं. मं.
शुभ
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