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मुहूर्तराज ]
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नांदनिया
इंदौर एवं भोपाल से एक साथ प्रकाशित
इंदौर शनिवार ४ नवंबर १९८९
कीमत एक रुपया बीस
श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमः प्रभु श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरि गुरुभ्योनम:
विश्व विख्यात
प्राचीन विद्या नगरी परम पूज्य विश्वन्द्य काशी में
परम पूज्य जैनाचार्य श्रीमद् राजेन्द्र सूरिजी म. सा.
श्रीमद् यतीन्द्र सूरिजी म. दिनांक ५ नवंबर १९८९ रविवार को काशी पण्डित सभा के विशेष
अधिवेशन के शुभावसर पर सौधर्म बृहत्तपोगच्छीय साहित्य शिरोमणि व्याख्यान वाचस्पति जैनाचार्य श्रीमद् विजय यतीन्द्र सूरीश्वरजी महाराज के शिष्यरत्न ज्योतिष विशारद मुनिप्रवर श्री जयप्रभ विजयजी श्रमण को अभिनन्दन। सह "ज्योतिषाचार्य' की मानद उपाधि प्रदान समारोह में
आप सादर आमंत्रित हैं। मुनिराज श्री जयप्रभ विजयजी महा. श्रमण
- निवेदक
पं. ब्रह्मानंद चतुर्वेदी राष्ट्रपति सन्मानित व्याकरण-मीमांसाचार्य
डॉ.विनोदराव पाठक पं. बटुकनाथ शास्त्री-खिस्ते
प्रचार मंत्री
साहित्य-न्यायाचार्य (भू.पू. आचार्य एवं अध्यक्ष-साहित्य काशी पण्डित सभा
मंत्री संस्कृति विभाग- संपूर्णानंद संस्कृत
काशी पण्डित सभा विश्वविद्यालय) अध्यक्ष, काशी पण्डित सभा
(स्थल-शारदा भवन अगस्त्य कुण्ड) काशी * अनिल कुमार अनोखीलाल मोदी, पेटलावद के सौजन्य से *
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