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मुहूर्तराज ]
[४१९ पंचांग तत्व :
"पंचांग तत्व' के कर्ता का नाम और उसका रचना समय अज्ञात है। इसमें पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण-इन विषयों का निरूपण किया है। यह ग्रन्थ अप्रकाशित है। पंचांग तत्व टीका : ____पंचांग तत्व' पर अभयदेवसूरि नामक किसी आचार्य ने ९००० श्लोक प्रमाण टीका रची है। यह टीका भी अप्रकाशित है।
पंचांग तिथि विवरण :
__ ‘पंचांग तिथि विवरण' नामक ग्रंथ अज्ञातकतृ है तथा इसकी रचना समय भी अज्ञात है। यह ग्रंथ 'करण शेखर' या 'करणेश' नाम से भी प्रसिद्ध है। इसमें पंचांग बनाने की रीति समझाई गई है। ग्रंथ प्रकाशित नहीं हुआ है। इस पर किसी जैन मुनि ने वृत्ति रची है, ऐसा जानने में आया है। पंचांग दीपिका : ___ ‘पंचांग दीपिका' नामक ग्रंथ की किसी जैन मुनि ने रचना की है। इसमें पंचांग बनाने की विधि बताई गई है। ग्रंथ की रचना समय अज्ञात है। ग्रंथ अप्रकाशित है।
पंचांगपत्र विचार :
‘पंचांगपत्र विचार' नामक ग्रंथ की किसी जैन मुनि ने रचना की है। इसमें पंचांग का विषय विशद् रीति से निर्दिष्ट है। ग्रंथ की रचना समय ज्ञात नहीं है। ग्रंथ प्रकाशित भी नहीं हुआ है।
बलिरामानन्दसार संग्रह :
उपाध्याय भुवनकीर्ति के शिष्य पं. लाभोदय मुनि ने ‘बलिरामानन्दसार संग्रह' नामक ज्योतिष ग्रंथ की रचना की है। इसका समय निश्चित नहीं है। इनके गुरु उपाध्याय भुवनकीर्ति अच्छे कवि थे। इनके वि. सं. १६६७ से १७६० तक के कई रास उपलब्ध हैं। इसलिये पं. लाभोदय मुनि का समय इसी के आसपास हो सकता है।
इस ग्रंथ में सामान्य मुहूर्त, मुहूर्ताधिकार, नाड़ीचक्र, नासिक विचार, शकुन विचार, स्वप्नाध्याय, अंगोपांग स्फुरण, सामुद्रिक संक्षेप, लग्ननिर्णय विधि, नर स्त्री जन्मपत्री निर्णय, योगात्पत्ति, मासादि विचार, वर्ष शुभाशुभ फल आदि विषयों का विवरण है। यह एक संग्रह ग्रंथ' मालूम होता है।
१.
इसकी अपूर्ण प्रति ला. द. भारतीय संस्कृति विद्या मन्दिर, अहमदाबाद में है। प्रति लेखन १९ वीं शती का है।
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