________________
३७० ]
[ मुहूर्तराज करने पर तीन घटिकाओं में कार्यसिद्धि हो तथा ७ और ३ का स्पर्श करे तो कार्यसम्बन्धिनी केवल बातचीत ही चले कार्य नहीं होवे।
- पञ्चदशीयन्त्र
गर्भिणीप्रश्न
सूर्यभौमगुरुस्पर्श, पुत्रो भवति निश्चितम् । चन्द्र शुक्र बुध स्पर्श कन्या तत्र प्रजायते ॥ शनिस्पर्श गर्भपातो राहुस्पर्श सुतासुतौ ।
केतुस्पर्श भवेत्क्लीबो विचार्येत्त्यं वदे त्सुधीः ॥ अर्थ - किसी गर्भवती स्त्री के लड़का, लड़की होने के सम्बन्ध में जो प्रश्नकर्ता प्रश्न करे तो निम्नलिखित चक्र पर प्रश्नकर्ता को अंगुली रखने का कहे। यदि प्रश्नकर्ता की अंगुली से सूर्य मंगल या गुरु का स्पर्श हो तो गर्भवती स्त्री पुत्र को जन्म देगी, चन्द्र, बुध या शुक्र का स्पर्श हो तो कन्या का जन्म होगा, राहु के स्पर्श पुत्र एवं पुत्री तथा केतु के स्पर्श, से शक्तिहीन सन्तति होगी, और शनि का स्पर्श हो तो गर्भपात होगा इत्यादि फल विद्वान् को कहने चाहिए।
॥ गर्भप्रश्नचक्रम् ॥
बुध
शुक्र
चन्द्र
गुरु
सूर्य
मंगल
राहु
शनि
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org