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[३५१
मुहूर्तराज ] साधक अक्षर - व,वा, वि, वी, वु, वू, (वु, वू १ पाद ७-१७-२३ भवेध)
साध्यजिन
तारा
|
योनि
वर्ग
विंशोपक
गण
|राशि
नाडी
वृषभ
साध्यनाम
स्वकीय विरुद्ध
सर्प नकुल
य
मनुष्य राक्षस
अन्त्य अन्त्यवेध
६, ८, १
-
-
-
मध्यम
-
मध्यम
।
अशुभ
अशुभ
-
"
अशुभ
शप
अशुभ
प्रीति
"
अशुभ
कुवर
मध्यम
सम
अशुभ
अशुभ
|शत्रु
6
स्व
वेध
M 06
श्री ऋषभदेवजी श्री अजितनाथजी श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी |श्री सुमतिनाथजी |श्री पद्मप्रभुजी
श्री सुपार्श्वनाथजी |श्री चन्द्रप्रभजी श्री सुविधिनाथजी श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी श्री वासुपूज्यजी श्री विमलनाथजी श्री अनन्तनाथजी श्री धर्मनाथजी श्री शान्तिनाथजी श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी | श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी
श्री पार्श्वनाथजी २४ श्री महावीरस्वामीजी
मध्यम
शुभ अशुभ | श्रेष्ठतर
अशुभ अशुभ
शुभ
मध्यम
शभ
वेध
अशुभ
मध्यम
शुभ
MF
अशुभ
मध्यम
अशुभ
|स्व
| वेध
अशुभ मध्यम
शुभ
वेध
अशुभ
मध्यम
C
मध्यम
| वेध
अशुभ
मध्यम अशुभ अशुभ स्व
अशुभ
शुभ | अशुभ
शुभ | प्रीति | वेध शुभ
राशि
पति
| युजि
एकनाथ तुला
वर्ण वैश्य
वश्य मेष
नक्षत्र रोहिणी | पूर्व
वृषभ
शुक्र
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