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[३५५
मुहूर्तराज ]
साधक अक्षर - स, सा, सि, सी, सु, सू ।
| नं. |
साध्यजिन
| तारा
| योनि । वर्ग
विंशोपक
गण
राशि
नाडी
साध्यनाम
स्वकीय विरुद्ध
अश्व महिष
लभ्य
राक्षस कुंभ देव मनु. कर्क
आद्य आद्यवेध
८, १, ३
अशुभ अशुभ । श्रेष्ठतर
मध्यम मध्यम | वेध
सम
प्रीति
शुभ
।
श्रेष्ठ
शुभ
वेध
शभ
अशुभ वैर
श्रेष्ठ
श्री ऋषभदेवजी अशुभ श्री अजितनाथजी |श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी श्री सुमतिनाथजी अशुभ श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी | श्री चन्द्रप्रभजी अशुभ श्री सुविधिनाथजी अशुभ श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी |श्री वासुपूज्यजी श्री विमलनाथजी अशुभ श्री अनन्तनाथजी |श्री धर्मनाथजी अशुभ श्री शान्तिनाथजी अशुभ श्री कुंथुनाथजी अशुभ श्री अरनाथजी |श्री मल्लिनाथजी अशुभ श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी
अशुभ |श्री नेमिनाथजी
श्री पार्श्वनाथजी २४ श्री महावीर स्वामीजी | अशुभ
अशुभ
अशुभ अशुभ
श्रेष्ठतर
अशुभ शुभ श्रेष्ठ
प्रीति शुभ
अशुभ
प्रीति
वेध
राशि
पति
वर्ण
एकनाथ मकर
वश्य बिना सिंह व मनुष्य के
नक्षत्र |युजि शतभिषा, पश्चिम
कुंभ ।
शनि
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