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३१८ ]
[ मुहूर्तराज
साधक अक्षर - ड, डा
साध्यजिन
तारा
योनि
वर्ग
विंशोपक
गण
राशि नाडी
मेष
साध्यनाम
स्वकीय विरुद्ध
कर्क मध्य राक्षस | मि.कुंभ मध्य
१,३,५
वानर
अशुभ
मध्यम
प्रीति
मध्यम
अशुभ
स्व
| शुभ अशुभतर भवेध अशुभतर श्रेष्ठ
अशुभ अशुभ
अशुभ
वैर
प्रीति
मध्यम
प्रीति
स्व
सम
वैर
श्री ऋषभदेवजी | श्री अजितनाथजी | श्री सम्भवनाथजी
श्री अभिनन्दनजी श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी श्री चन्द्रप्रभजी श्री सुविधिनाथजी श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी श्री वासुपूज्यजी श्री विमलनाथजी श्री अनन्तनाथजी श्री धर्मनाथजी श्री शान्तिनाथजी श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी | श्री पार्श्वनाथजी श्री महावीरस्वामीजी
शत्रु
मध्यम
| मध्यम
वेध
मध्यम
अशुभ
श्रेष्ठतर
अशुभ
शुभ
मध्यम श्रेष्ठतर
अशुभ
कुवैर
|
(वैर)
अशुभ अशुभ
सम श्रेष्ठतर शुभ
भवेध
श्रेष्ठ
अशुभ
मध्यम
राशि
एकनाथ
वर्ण
वश्य
युजि
कर्क
पति चन्द्र
नक्षत्र पुष्य
ब्राह्मण
मध्य
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