________________
३१६ ]
[ मुहूर्तराज
साधक अक्षर - टो, टौ
नं .
साध्यजिन
तारा
योनि
वर्ग
विंशोपक
गण
राशि | नाडी
कन्या
आद्य
साध्यनाम
स्वकीय विरुद्ध
v_F
लभ्य
देय
मनुष्य राक्षस
५,७,९
व्याघ्र
आद्य
स्व
श्रेष्ठ
| शुभ
अशुभ
मध्यम
श्रेष्ठतर श्रेष्ठतर | वेध
अशुभ
मध्यम
-
अशुभ
शुभ
अशुभ
अशुभ अशुभ
कुर
अशुभ मध्यम
अशुभ
|श्रेष्ठ
में
मध्यम | मध्यम
अशुभ | प्रीति
श्री ऋषभदेवजी श्री अजितनाथजी श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी श्री चन्द्रप्रभजी श्री सुविधिनाथजी श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी श्री वासुपूज्यजी श्री विमलनाथजी श्री अनन्तनाथजी श्री धर्मनाथजी श्री शान्तिनाथजी श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी श्री पार्श्वनाथजी | श्री महावीरस्वामीजी राशि कन्या
मैत्री
सम
अशुभ
मध्यम
मध्यम
मध्यम
अशुभ
अशुभ
मध्यम
मध्यम
मध्यम
यम
मध्यम
. अशुभ
अशुभ
ना न
अशुभ अशुभ
स्व
पति
वर्ण
एकनाथ मिथुन
वैश्य
वश्य बिना सिंह व धनु
नक्षत्र युजि उ.फा. | मध्य
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org