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[३२७
मुहूर्तराज ]
साधक अक्षर - दि, दी
तारा
साध्यजिन
योनि
|
वर्ग
विंशोपक
न
गण |राशि
नाडी
।
Walt
स्वकीय विरुद्ध
सिंह हस्त
मनुष्य राक्षस
मीन तुला
आध आद्यवेध
९,
२,
४
कुवैर
श्रेष्ठतर
अशुभ
कुवैर
शुभ
मध्यम
कुवैर
मध्यम
भवेध
श्रेष्ठ |प्रीति
अशुभ अशुभ
अशुभ मध्यम अशुभ
| शुभ |श्रेष्ठतर | वेध
श्रेष्ठतर |शुभ
०
अशुभ
०
मध्यम
श्री ऋषभदेवजी श्री अजितनाथजी श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी श्री चन्द्रप्रभजी श्री सुविधिनाथजी श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी
श्री वासुपूज्यजी १३ श्री विमलनाथजी १४ श्री अनन्तनाथजी
|श्री धर्मनाथजी |श्री शान्तिनाथजी श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी
श्री पार्श्वनाथजी २४ | श्री महावीरस्वामीजी
अशुभ
अशुभ
|
वैर
| कुवैर
मध्यम
मध्यम
मध्यम
S
मध्यम
श्रेष्ठ
वेध
१७
अशुभ
G
अशुभ
|
वैर
| कुवैर
मध्यम
%
मध्यम
अशुभ
मध्यम मध्यम अशुभ | अशुभ स्व सम
7
शत्र
भवेध
राशि
पति
वर्ण
वश्य
एकनाथ धन
मीन
गुरु
बाह्मण
पू.भा.
पश्चिम
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