________________
१४६ ]
[ मुहूर्तराज भूख से पीड़ित, रक्त, स्त्री का रज, गिरगिट, अपने घर का जल जाना, बिल्लियों की लड़ाई, छींक, गेरुओ वस्त्रधारी, गुड, छाछ, कीचड़, विधवा स्त्री, कुबडा, कुटुम्ब में झगड़ा (यदि स्त्री पुत्रादि से तत्काल लड़ना, झगड़ना पड़े) अपने हाथ से अकस्मात् वस्त्रादि का गिर जाना अथवा कच्छ आदि का खुल जाना, भैंसों का युद्ध काले रंग के अनाज, कपास, वमन (कै) दाहिनी ओर गधे का रेंकना (क्योंकि बाईं ओर गधे का रेंकना यात्रा में शुभ होता है) अधिक क्रोध, गर्भवती स्त्री, सिरमुंडा व्यक्ति, गीले कपड़े पहने या गीले वस्त्र लिया हुआ व्यक्ति, अन्धा, बहरा और रजस्वला इन पदार्थों का यात्राप्रयाण समय में दिखना अशुभफलदायी होता है। दुष्टशकुनों के विषय में अन्यान्य निमित्तज्ञों के मत
कश्यप:
“औषधक्लीबबधिरैः जटिलोन्मत्तपावकैः । अभ्यक्तांगारकाष्ठास्थिचर्मान्धचिररोगिभिः ॥ तैल कार्पास लवण गुड तक्र तृणोर गैः । पङ्ककुब्जैकपदक मुक्तकेशबुभुक्षितैः ॥ सनग्नमुण्डैदृष्टस्तु यात्रा नैव फलप्रदा ।"
श्रीपति:
तृणतुषफणिवर्माङ्गरकार्पासपङ्कः
लवणगुडवसास्थिक्लीबतैलोषधैश्च । रिपुविडसितधान्यव्याधिताभ्यक्ततक्रैः
पतितजटिलमुण्डोन्मत्तवान्तैर्न सिद्धि ॥ विमुक्तकेशकाषायिनग्नेन्धनबुमुक्षितै।
कुब्जांधवन्ध्याबधिरैर्दष्टैः सिद्धिर्न जायते ॥ कुटुम्बकलहो गृहज्वलनमार्तवं योषितो ,
बिडातसमरं क्षुतं स्खलनमम्बरादेस्तथा । दुरुक्तमतिकोपिता महिषयोश्च युद्धं भवेत् प्रयाणसमये नृणामभिमतार्भ विच्छित्तये ॥
वराहः- (वृहयात्रा में)
कार्पासौषधकृष्णधान्यलवणक्लीबास्थितालानलम् , सङ्गारगराहिचर्मप्रवृताः केशारिसव्याधिताः । वान्तोन्मत्तजडान्धकास्तुणतुबक्षुत्क्षामतक्रारयो मुण्डाभ्यक्तविमुक्तकेशपतिताः काषायिषश्चाशुभाः ॥
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org