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[३०१
मुहूर्तराज ]
साधकर अक्षर - क, का, कि, की, क्ष
साध्यजिन
तारा
योनि
|
वर्ग
वर्ग
विंशोपक
राशि नाडी
साध्यनाम
स्वकीय विरुद्ध
सर्प नकुल
लभ्य
वृश्चि . | मध्य कर्क । मध्यवेध
७,९,२
राक्षस
कुवर
मध्यम
मैत्री
मध्यम
स्व
स्व
एकम
अशुभ
शभ
नई
वैर
। २
श्रेष्ठतर | वेध
अशुभ
शुभ
नई
सम
अशुभ
मध्यम
वेध
सम प्रीति
स्व
१ श्री ऋषभदेवजी
श्री अजितनाथजी श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी श्री सुमतिनाथजी
श्री पद्मप्रभुजी | श्री सुपार्श्वनाथजी
श्री चन्द्रप्रभजी ९ | श्री सुविधिनाथजी
श्री शीतलनाथजी
श्री श्रेयांसनाथजी | श्री वासुपूज्यजी
श्री विमलनाथजी श्री अनन्तनाथजी श्री धर्मनाथजी | श्री शान्तिनाथजी | श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी | श्री पार्श्वनाथजी २४ | श्री महावीरस्वामीजी
मध्यम
अशुभ
मध्यम श्रेष्ठ वेध श्रेष्ठ अशुभतर वेध शुभ
श्रेष्ठ
बैं
अशुभ
श्रेष्ठतर | वेध
अशुभ
शुभ
श्रेष्ठतर
राशि
एकनाथ
वर्ण
पति बुध
मध्यम .. वश्य बिना सिंह धनु शेष सभी
नक्षत्र युजि मृगशीर्ष पूर्व
मिथुन
कन्या
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