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३०८]
[ मुहूर्तराज
साधक अक्षर - घ-१० सर्वस्वर सहित ङ - १० स्वर सहित
भ.
साध्यजिन
तारा
योनि
|
वर्ग
विंशोपक
गण
राशि
नाडी
मनुष्य
साध्यनाम
स्वकीय विरुद्ध
श्वान हरिण
लभ्य
- मिथुन वृश्चिक आद्य कर्क आद्यवेध
८,१,३
अशुभ
सम
श्रेष्ठ
मध्यम
स्व
मध्यम
स्व
वेध
अशुभ
वैर
। २
अशुभ | शुभ अशुभ | श्रेष्ठतर अशुभ मध्यम |शत्रु अशुभ सम
अशुभ अशुभ
वेध
सम
श्री ऋषभदेवजी श्री अजितनाथजी श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी | श्री चन्द्रप्रमजी श्री सुविधिनाथजी श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी श्री वासुपूज्यजी श्री विमलनाथजी श्री अनन्तनाथजी श्री धर्मनाथजी श्री शान्तिनाथजी श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी श्री पार्श्वनाथजी श्री महावीरस्वामीजी
मध्यम प्रीति अशुभ | मध्यम
श्रेष्ठ
वेध
अशुभ
मध्यम
श्रेष्ठ
मध्यम
अशुभ अशुभ अशुभ
| अशुभतर
शुभ वेध
मध्यम
अशुभ मध्यम
अशुभ
मध्यम
शभ
वेध
मध्यम
प्रीति
अशुभ
वेध
शुभ श्रेष्ठतर
मध्यम अशुभ अशुभ स्व
अशुभ
श्रेष्ठतर
| वेध
राशि
पति
वर्ण
एकनाथ कन्या
वश्य बिना सिंह धनु
नक्षत्र युजि आर्द्रा मध्य
मिथु.
शूद्र
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