________________
मुहूर्तराज ]
क्र.
सं.
4.
१
श्री ऋषभदेवजी
श्री अजितनाथजी
श्री सम्भवनाथजी
श्री अभिनन्दनजी
श्री सुमतिनाथजी
श्री पद्मप्रभुजी
श्री सुपार्श्वनाथजी
श्री चन्द्रप्रभजी
श्री सुविधिनाथजी
१० श्री शीतलनाथजी
२
३
४
५
६
७
८
९
or x m
११
१२
१३
१४
१५
१६
१७
१८
१९
२०
२१
नाम
२२
२३
२४
श्री श्रेयांसनाथजी
श्री वासुपूज्यजी
श्री विमलनाथजी
श्री अनन्तनाथजी
श्री धर्मनाथजी
श्री शान्तिनाथजी
श्री कुंथुनाथजी
श्री अरनाथजी
श्री मल्लिनाथजी
श्री मुनिसुक्तजी
श्री नमिनाथजी
श्री नेमिनाथजी
श्री पार्श्वनाथजी
श्री महावीरस्वामीजी
Jain Education International
लांछन
वृषभ
हस्त
-
अश्व
वानर
क्रौंच
पद्म
स्वस्तिक
चन्द्र
मकर
वत्स
गैंडा
महिष
वराह
श्येन (बाज )
वज्र
हरिण
अज
नद्यावर्त
अथ श्री जिनेश्वर राश्यादियन्त्रम् (१) -
वर्ग
कलश
कच्छप
कमल
शंख
सर्प
सिंह
नक्षत्र
उ. षा.
रोहिणी
मृगशिर
पुनर्वसु
मघा
चित्रा
विशाखा
अनुराधा
मूल
पू. पाढा
श्रवण
शतभि.
उ.भा.
रेवती
पुष्य
अश्विनी
कृत्तिका
रेवती
अश्विनी
श्रवण
अश्विनी
चित्रा
विशाखा
उ. फा.
योनि
नकुल
सर्प
सर्प
बिडाल
मूषक
व्याघ्र
व्याघ्र
हरिण
श्वान
वानर
वानर
अश्व
गौ
हस्ती
अज
अश्व
अज
हस्ती
अश्व
वानर
अश्व
व्याघ्र
व्याघ्र
गौ
नाडी संकेताक्षर आ. = आद्य, म.
=
अ.
अ.
श.
अ.
श.
प.
श.
च
श.
श.
श.
य.
य.
अ.
त.
श.
क.
अ.
प.
प.
त.
त.
प.
प.
मध्य, अं.
For Private & Personal Use Only
= अन्त्य
गण
मनुष्य
मनुष्य
देव
देव
राक्षस
राक्षस
राक्षस
देव
राक्षस
मनुष्य
देव
राक्षस
मनुष्य
देव
देव
देव
राक्षस
देव
देव
देव
देव
राक्षस
राक्षस
मनुष्य
[ २८९
नाडी
अन्त्य
अन्त्य
मध्य
आद्य
अन्त्य
मध्य
अन्त्य
मध्य
आद्य
मध्य
अन्त्य
आद्य
मध्य
अन्त्य
मध्य
आद्य
अन्त्य
अन्त्य
आद्य
अन्त्य
आद्य
मध्य
अन्त्य
आद्य
www.jainelibrary.org