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[ मुहूर्तराज योगिनी दोष (योगिनीनामक तिथिदोष-मु.चि.या. प्र. श्लो. ३४ वाँ
नवभूम्यः शिववन्योऽक्षविश्वेऽर्ककृताः शक्ररसास्तुरंगतिथ्यः । द्विदिशोऽमावसवश्च पूर्वतःस्युस्तिथयः सम्मुखवामगाः न शस्ताः ॥
अन्वय - पूर्वत: आरम्य अष्टसु दिक्षु निम्नोक्ताः तिथयः योगिन्याख्या भवन्ति। यथा पूर्वे नवभूम्यः (नवमी प्रतिपच्च) आग्नेय्याम् शिववढ्यः (एकादशी तृतीया च) दशिणस्याम् अक्षविश्वे (पञ्चमी त्रयोदशी च) नैर्ऋत्याम् अर्क-कृता: (द्वादशी चतुर्थी च) पश्चिमायाम् शक्ररसा: (चतुर्दशी षष्ठी च) वायव्यां तुरंगतिथ्यः (सप्तमी पूर्णिमा च) उत्तरस्याम् द्विदिशो (द्वितीया दशमी च) ऐशान्याम् अमावसवः (अमावस्या अष्टमी च) एताः तिथय: (गन्तुः) सम्मुखवामगा: न शस्ता: किन्तु दक्षिणपृष्ठगा अतिशुभाः।
अर्थ - पूर्व से आरम्भ करके आठों दिशाओं में २-२ तिथियाँ योगिनी संज्ञिका कही जाती हैं, यथा-प्रतिपदा एवं नवमी पूर्व में, तृतीया एवं एकादशी आग्नेय में, पंचमी और त्रयोदशी दक्षिण में, चतुर्थी
और द्वादशी नैर्ऋत्य में, षष्ठी और चतुर्दशी पश्चिम में, सप्तमी एवं पूर्णिमा वायव्य में, द्वितीया और दशमी उत्तर में तथा अष्टमी और अमावास्या ईशान में योगिनीसंज्ञिका तिथियाँ हैं। प्रयाण में इन योगिनीसंज्ञक तिथियों को दक्षिण अथवा पीठ पीछे रखना श्रेयस्कर है, सम्मुख तथा वाम भाग में अशुभ है। यथा प्रतिपदा को पूर्व एवं दक्षिण दिशा में प्रयाण करना अशुभ है और पश्चिम या उत्तर में प्रयाण करना शुभ।
स्वरोदय में भी
पूर्वस्यामुदयेद् ब्राह्मी प्रथमे नवमे तिथौ । माहेशी चोत्तरस्यां तु द्वितीयादशमी तिथौ ॥ एकादश्यां तृतीयायाम् कौमारी वह्निकोणगा । चतुर्थी द्वादशी प्रोक्ता वैष्णवी नैर्ऋते तथा ॥ बाराही दक्षिणे भागे, पञ्चमी च त्रयोदशी । षष्ठी चतुर्दशी चैव इन्द्राणी पश्चिमे तथा ॥ पूर्णिमायां च सप्तम्यां वायव्ये चण्डिकोदयः ।
नष्टचन्द्रदिनाष्टम्योः महालक्ष्मीः शिवालये ॥ अर्थ - प्रतिपदा और नवमी को ब्रह्मीनामिका योगिनी पूर्व में प्रकट होती है। द्वितीया और दशमी को माहेशी नामिका योगिनी उत्तर में, एकादशी और तृतीया को कौमारोनामिका योगिनी अग्निकोण में, चतुर्थी
और द्वादशी को वैष्णवी योगिनी नैर्ऋत्य में, पञ्चमी और त्रयोदशी को वाराही योगिनी दक्षिण दिशा में, षष्ठी और चतुर्दशी को इन्द्राणी पश्चिम दिशा में, पूर्णिमा और सप्तमी को चण्डिका वायव्य कोण में और अमावस्या और अष्टमी को महालक्ष्मी नामिका योगिनी ईशान कोण में प्रकट होती है।
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