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- उन्नीस - प्रमाण-विभाग १२, प्रमाण-लक्षण १२ मतिज्ञान के एकार्थक शब्द मतिज्ञान का स्वरूप मतिज्ञान के भेद
___ अवग्रह आदि उक्त चारों भेदों के लक्षण १५ अवग्रह आदि के भेद सामान्य रूप से अवग्रह आदि का विषय इन्द्रियों को ज्ञानोत्पत्ति-पद्धति-सम्बन्धी भिन्नता के कारण अवग्रह के अवान्तर भेद
दृष्टान्त २१ श्रुतज्ञान का स्वरूप और उसके भेद अवधिज्ञान के प्रकार और उनके स्वामी मनःपर्याय के भेद और उनका अन्तर अवधि और मनःपर्याय में अन्तर पाँचों ज्ञानों का ग्राह्य विषय एक आत्मा में एक साथ पाये जानेवाले ज्ञान विपर्ययज्ञान का निर्धारण और विपर्ययता के हेतु नय के भेद
नयो के निरूपण का भाव ३६, नयवाद को देशना और उसकी विशेषता ३६, सामान्य लक्षण ३८, विशेष भेदो का स्वरूप ३९, नैगमनय ४०, सग्रहनय ४०, व्यवहारनय ४१, ऋजुसूत्रनय ४२, शब्दनय ४२, समभिरूढ़नय ४३, एवंभूतनय ४४, शेष वक्तव्य ४४ ।।
२. जीव पाँच भाव, उनके भेद और उदाहरण
भावो का स्वरूप ४८, औपशमिक भाव के भेद ४९. क्षायिक भाव के भेद ४९, क्षायोपशमिक भाव के भेद ४२,
औदयिक भाव के भेद ४९, पारिणामिक भार के भेद ५० जीव का लक्षण उपयोग की विविधता जीवराशि के विभाग संसारी जीवों के भेद-प्रभेद
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