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- अठारह - २ अर्थभेद ६१, ३. पाठान्तरविषयक भेद ६१, ४. यथाथता : ( क ) शैलीभेद ६१, ( ख ) अर्थविकास ६३, (ग) साम्प्रदायिकता ६४ (ख) दो वातिक (ग) दो वृत्तियाँ
६८ (घ) खण्डित वृत्ति
७१ (ङ) रत्नसिंह का टिप्पण परिशिष्ट
७२-७८ (क) प्रश्न ७२, (ख) प्रेमीजी का पत्र ७३, (ग) जुगल
किगारजो मुख्तार का पत्र ७४, (घ) मेरी विचारणा ७६ अध्ययन विषयक सूचनाएँ
७९-८३ तत्त्वार्थसूत्र का मूल पाठ (सुजुको ओहिरा)
८४-१०७ मूल सूत्र
१०९-१३८
- विवेचन -
१. ज्ञान मोक्ष के साधन
मोक्ष का स्वरूप १, साधनों का स्वरूप २, साधनों का
साहचर्य २, साहचर्य-नियम २ सम्यग्दर्शन का लक्षण सम्यग्दर्शन की उत्पत्ति के हेतु
निश्चय और व्यवहार सम्यक्त्व ४, सम्यक्त्व के लिङ्ग ४,
हेतुभेद ४, उत्पत्ति-क्रम ५ तात्त्विक अर्थों का नाम-निर्देश निक्षेपों का नाम-निर्देश तत्त्वों को जानने के उपाय
__नय और प्रमाण का अन्तर ८ तत्त्वों के विस्तृत ज्ञान के लिए कुछ विचारणा द्वारों का निर्देश सम्यग्ज्ञान के भेद प्रमाण-चर्चा
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