________________ सिद्ध-सारस्वत आशीर्वाद वर्तमान भौतिकता की चकाचौंध में जैन दर्शन न्याय विषयक विद्वान् दुर्लभ होते जा रहे हैं। हमारी संस्कृति एवं धर्म का संरक्षण इन्हीं विद्वानों के माध्यम से सुरक्षित है। इन्हीं विद्वानों में विद्वद्वरेण्य प्रो. पं. सुर्दशनलाल जैन जी जिनका बहुत लम्बे समय से मार्गदर्शन इस समाज को प्राप्त होता रहा है। आप अच्छे वक्ता के साथ-साथ जैन दर्शन के मर्मज्ञ हैं। आपके द्वारा अनेक कार्य सहज-सरलता से मनीषी विद्वत् वर्ग को प्राप्त हुए हैं। आपने राष्ट्रपति सम्मान से विभूषित होकर जैन धर्म की प्रभावना की है। आपका ज्ञान, प्रभावना के साथ आचरण की ओर बढ़े और आप संयम का पालन करते हुए महाव्रतों को धारण कर बोधि, समाधि की प्राप्ति करें, ऐसा हमारा आशीर्वाद है। प. पू. मुनि श्री 108 कुन्थुसागर जी महाराज आशीर्वाद सरस्वती के पुत्र, कलम के धनी, विद्वत् श्रेष्ठी श्री सुदर्शन लाल जी! आपने जो जैन जगत् में जिनवाणी की सेवा शिक्षा को आगे बढ़ाया है और मूल भाषा प्राकृत एवं संस्कृत में भी पी-एच. डी. की है। उसके लिए बहुत बहुत 'आशीर्वाद'। 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हो। अब शेष और विशेष जीवन चारित्र की सेवा स्वीकार करने में लगाओ। संयम धारण करो और श्रुतसेवा से श्रुत केवली बन पूर्ण केवली बन मोक्ष को प्राप्त करो। प. पू. मुनि श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज