________________ 48 3 श्रावक-द्वादश व्रत लिक, 4 स्थापनामृषा और 5 कूटसाक्षी, इन पांच बडे असत्यों का त्याग अवश्य करना चाहिये। .. __इन असत्योंका विवरण नीचे मुजब है। (1) कन्यालीक-कन्या संबंधी झूठ, कन्या के विषय में किसी के पूछने पर अथवा वगैर पूछे गुणवती को निर्गुणा बतावे और निर्गुणा को गुणवती अथवा उसकी उमर कमी बेशी बतावे, लक्षणों में विपरीत बात कहे उस का नाम 'कन्यालीक' है। ___ जहां तक हो सके कन्या के लेन देन की झंझट में व्रत- . धारी श्रावक को पड़ना ही ठीक नहीं, पर वैसी मध्यस्थ वृत्ति न रह सके और कन्या संबंधी व्यवहार में पड़ना ही पड़े तो जो सही हकीकत हो वही कहे, किसी तरह झूठ न बोले / कन्यालीक की ही तरह अन्य किसी भी मनुष्य संबन्धी असत्य नहीं बोलना चाहिये। (2) गवालीक-गाय भैस बैल हाथी घोडा विगैरह की उमर के बारे में उन के गुण दोष बताने में उन की कीमत करने में जैसा हो वैसा कहे कभी झूठ न बोले। ___(3) भूम्यलीक-जमीन संबंधी झूठ दूसरे की जमीन को अपनी कहना, थोडी जमीन हो और ज्यादह बताना, घर दुकान बंगला हवेली वाडी बाग विगैरह के बारें में झूठ बोलना, दूसरे के कबजे का मकान जूठी मवाही खडी कर राज के हुकम से अपने कबजे कर लेना इत्यादि असत्य का