________________ 1205 विविध विचार यह भी ज्ञाताप्रतिबद्ध है। मूल श्लोक 2200, मलयगिरिटीका 9000, चूर्णि 1000, कुल संख्या 12200 / '' 8 कप्पिया-इसमें 10 राजकुमार अपने ओरमान भाई राजा कोणिक के साथ मिलकर अपने नाना वैशाली नगरी के राजा चेटक (चेडा) के सामने युद्ध में उतरे, वहां दशों मारे गये, मर कर नरक में गये इत्यादि वर्णन है / इसके अध्ययन ___9 कप्पवडंसिया-इसमें राजा श्रेणिक के पोते राजकुमारों ने दीक्षा ली और जुदे जुदे स्वर्गों में गये उसका वर्णन है। इसके अध्ययन 12 हैं। 10 पुफिया-इसमें जिन देवताओं ने महावीर की पूजा की उनके पूर्व जन्म का वर्णन है / इसके अध्ययन 10 हैं। 11 पुप्फचूलिया-इसमें भी ऊपर जैसी ही कथायें हैं। इसके अध्ययन 10 हैं। 12 वन्हिदसा-इसमें नेमिनाथ ने 10 यदुवंशी राजाओं को प्रतिबोध देकर जैन बनाया उसका वर्णन है। इसके अ. ध्ययन 10 हैं। ___ उपर्युक्त पांचों उपांगों का समुदित नाम 'निरयावली' है। इनकी अध्ययन संख्या 52 है / वे यथाक्रम उपासकदशां. गादिक पांच अंगप्रतिबद्ध हैं। इन पांचों की मिल कर श्लोक संख्या 1109 है इन पांचों की वृत्ति चंद्रहरि कृत 700 श्लोक कुल संख्या 1809 है। इन 12 उपांगों की मूल सं