________________ 180 480 पोषधविधि। 19 पोषध पारने की विधि प्रतिक्रमण समाप्त होने के बाद पोसह पारने के पहले दंडासन, कुण्डिया, पानी विगैरह चीजें जिसके पोषध न हो उस गृहस्थ को सुपुर्द कर दे और फिर इस विधि से पोसह पार। . पहले खमासमणपूर्वक इरियावही करे और चउक्कसाय से ले जयवीयरायपर्यन्त चैत्यवन्दनसूत्र वोले। फिर खमा० इच्छा० 'मुहपत्ति पडिलेहुं?' 'इच्छं' कह मुहपत्ति पडिलेहे, बाद में खमा० इच्छा० 'पोसह पारुं ?, यथाशक्ति, खमा० इच्छा० 'पोसह पार्यो ?, तहत्ति कहके एक नवकार गिन दाहिना (जीमना) हाथ चरवला के ऊपर स्थापन कर नीचे लिखा हुआ 'सागरचन्दो' का पाठ कहे सागरचन्दो "सागरचन्दो कामो, चन्दवडिसो सुदंसणो धन्नो / जेसिं पोसहपडिमा, अखंडिआ जीविअंते वि // 1 // धन्ना सलाहणिज्जा, सुलसा आणंदकामदेवा य / जास पसंसइ भयवं, दढव्ययत्तं महावीरो // 2 // " पोसह विधिए लीधो, विधिए पार्यो, विधि करतां जे कंई