________________ 498 पोषधविधि रात्रिपोषध करने वाले को उक्त 8 उपकरणों के उपरांत नीचे लिखे हुए उपकरण भी लेने चाहिये-१ ऊनी कम्बल, (ठण्डी की मौसम हो तो 2 भी रख सकते हैं) 1 उत्तरपट्टक सूती, 1 कुण्डल जोडी, 1 दण्डासन, 1 चूनाडाला हुआ पानी, 1 लोटा / इससे भी ज्यादा किसी उपकरण की जरूरत हो तो रख लेना चाहिये / 6 कम्बल-काल __ आषाढ शुदि 15 से कार्तिक शुदि 14 तक 6 घडी, कार्तिक शुदि 15 से फागुन शुदि 14 तक 4 घडी और फागुन शुदि 15 से आपाढ शुदि 14 तक 2 घडी का कम्बलकाल है, इसलिये प्रातः इतनी कच्ची घडी दिन चढने के पहले और सायं इतनी घडी दिन शेष रहे उसके बाद पौषधिक को कम्बल ओढे बगैर खुले आकाश में न जाना चाहिये / 7 अचित्त-जल काल __ आषाढ सुदि 15 से कार्तिक शुदि 14 तक 3 पहर, कार्तिक शुदि 15 से फागुन शुदि 14 तक 4 पहर और फागुन शुदि 15 से आषाढ शुदि 14 तक 5 पहर पर्यन्त अग्नि से 'अचित्त' किया हुआ जल 'अचित्त' रहता है / उक्त कॉल के बाद वह फिर पूर्ववत् 'सचित्त' हो जाता है, इस वास्ते समय पूरा होने के पहले ही उसमें थोडा सा कली का चूना-जिससे