Book Title: Jain Gyan Gun Sangraha
Author(s): Saubhagyavijay
Publisher: Kavishastra Sangraha Samiti

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Page 511
________________ 492 पोषधविधि। (5) पोषध विधिपूर्वक पूरा न करे, पारणा की चिन्ता करे, घर के कामों की चिन्ता करे, पोषध के 18 दोष न टाले / सर्व पौषधिकों को पोषधत्रत के उपर्युक्त पांच अतिचार टालने का प्रयत्न करना चाहिये / 2 पोषधव्रत के 18 दोष (1) अवती गृहस्थ का लाया हुआ आहार पानी ग्रहण करे। (2) सरस आहार के लोभ से पोषध करे / (3) पोषध के निमित्त पहले सरस आहार करे। (4) पोषध में अथवा. पोषध के लिये पहले शरीर विभूषा करे। (5) पोषध के निमित्त वस्त्र धुलावे। . (6) पोषध के निमित्त आभूषण घडावे अथवा पहिरे। (7) पोषध के निमित्त वस्त्र रंगावे / (8) शरीर पर से मेल उतारे। (9) अकालशयन करे-निद्रा करे / (10) स्त्रीकथा करे। (11) आहारकथा करे / (12) राजकथा करे।

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