________________ 411 ... श्रीजनज्ञान-गुणसंग्रह पानी की बाव थी और उत्तरभाग में गोल का प्रसिद्ध मठ, उसका बाग और कुंआ। इन सब कारणों से प्रतिष्ठामण्डप और उसके आस पास का दृश्य अतिशय मनोहर लगता था और दिन रात वहां मनुष्यों की भीड लगी रहती थी। 14 समितियों की पुना युक्ति भिन्न भिन्न कार्य भिन्न भिन्न समितियों के सुपुर्द करने की बात हम ऊपर लिख आए हैं / उन कामों में से बहुत से काम प्रतिष्ठा के पहले करने के थे, अत एव वे कार्य प्रतिष्ठा के पहले ही समाप्त करके समितियों निवृत्त हो चुकी थीं / इधर महोत्सव निकट आने पर बहुत से अन्य कार्य उपस्थित हुए थे, इसलिए उन निवृत्त समितियों के सभ्यों से नयी समितियों नियुक्त की गयीं। (1) मुकाम-डेरा-समिति- इस समिति में 4 सभ्य थे। आगन्तुक महमानों के उहरने के लिये महाजनों और अन्य लोगों के मकानात खोल. वाना, उनको झडवा झुडवा के ठीक करना और आने वाले महमानों का वहां मुकाम करवाना इत्यादि इस समिति का कार्य था /