________________ 452 श्री गोलनगरीय-पार्श्वनाथप्रतिष्टा-प्रबन्ध कुल जोड 109743) एक लाख नौ हजार सात सौ तयालीस रुपया। गोल की अंजनशलाका में भोजन, साधनसामग्री भेंट और दान आदि भिन्न भिन्न विषय में कुल 50000 पच्चास हजार रुपया के लगभग खर्च हुआ। 38 उत्सव की परिसमाप्ति उत्सव के और पर्व के दिन आते मालूम होते ह जाते मालूम नहीं होते / अंजनशलाका-महोत्सव जब तक दूर था लोग दिन गिनते और तरह तरह के मनोरथ मंसूबे बांधते थे परंतु उत्सव आया और गया इस का मानों पता ही न लगा। लगभग तमाम अन्य वर्ण के लोग और तीन चार हजार के आसरे जैन महमान तो पंचमी के शाम को ही रवाने हो गये थे / शेष संघजन वैशाख-शुक्लषष्ठी के शाम को जीम कर रखाने होने लगे थे सो खासी रात आयी वहां तक जाते ही रहे / इस दिन रात तक लगभग सारा जैन संघ विदा हो चुका था, फकत दोनों सेवामंडल, गायनमंडली, खास खास महमान और गांववालों के सगे संबन्धी विगैरह मिल कर करीब 1500 पंदरह सौ मनुष्य पीछे रहने पाये होंगे। पंचमी के शाम से सप्तमी के शाम तक गोल की चारों