________________ . श्रीजैनज्ञान गुणसंग्रह 413 (5) पास-प्रदान-समिति___ इस समिति में दो सभ्य थे / ठंडाई के मसाले, गर्म चाह घृत, दूध, गुड, शक्कर, आटा, दाल, चावल, मसाला आदि कुल भोजन सामग्री और घास, गुवारतरी, पुलाव आदि चारे का पास काट देना इस समिति का काम था / (6) सीधासामान-समिति___ इस समिति में भी दो सभ्य थे। आटा, दाल, घी, गुड, शक्कर, ठंडे और गर्म मसाले आदि कुल मोदीखाने का सामान इस समिति के हवाले था। सेवासमितियों, पूजा-भक्तिसमितियों और गुजराती महमानों को ही नहीं बल्कि सर्चसंघ को ही आम तौर से अर्ज कर दी गई थी कि जिनको सार्वजनिक भोजन पसंद न हो वे महाशय यथेष्ट सीधा मंगवा लिया करें / यद्यपि इस समिति का काम चीढीमुजब सीधा देने का था, तथापि इसको हिदायत की गई थी कि जैन यात्रिक के लिए वह चिट्ठी पास के ऊपर ही निर्भर न रहे, इस कारण से बगैर पास के भी जैन यात्रिक को उसकी इच्छामुजब यह सीधा तोल देती थी / (7) चारादान-समिति. इस समिति में दो सभ्य थे। इस समिति का कार्य घास