________________ 444 श्री गोलनगरीय-पार्श्वनाथप्रतिष्ठा-प्रबन्ध 2000 दो हजार मनुष्य जीमते हैं, सम्भव तो इससे भी अधिक संख्या में जीमने का है, क्योंकि इनमें का अधिक भाग कई दिनों से इसी भोजन पर होने से वह बहुत कम खाता है, फिर भी हम फी कलसी लापसी 2000 मनुष्य मान लें तो 11 कलसी में 22000 बाईस हजार और अन्य कौम के मनुष्य की कलसी 1500 मान लें तो 8 कलसी की लापसी में 12000 मनुष्य जीम सकते हैं, इस हिसाब से. 19 कलसी की लापसी के उठाव से 34000 चोतीस हजार मनुष्यों की संख्या निश्चित मान सकते हैं, उस समय का मानव समुद्र देखते यह संख्या कुछ अधिक भी नहीं है। 35 वैशाख शुक्ल षष्ठी पंचमी का दिन यद्यपि उत्सव का आखिरी दिन था, तथापि मेला षष्ठी तक बना रहा। कारण यह था कि षष्ठी को दोनों टाइम नोकारसी थी और शान्तिस्नात्र पढानी थी इस लिये संघ की आण देकर इस दिन भी श्रीसंघ को ठहरा लिया था। इस दिन क्रियाविधान में शान्तिस्नात्र पढाने का प्रोग्राम था, परन्तु भाव और संयोग अधिक भक्तिजनक होने से अष्टोत्तरी वृहच्छान्तिस्नात्र पढाई गई।