________________ 422 श्री गोलनगरीय-पार्श्वनाथप्रतिष्टा-प्रबन्ध 20 जागीरदारों की सहानुभूति पुलिसपार्टी के उपरांत उत्सव के दिनो में आस पास के जागीरदार साहबों की भी पूरी सहायता और सहानुभूति थी, वे अपनी अपनी हदमें तो चौकी पहरे का इन्तजाम करते ही थे, परंतु अनेक ठाकुर साहब तो गोल के श्रीसंघ के आमंत्रण को मान दे उत्सव में भाग लेने गोल भी पधार गये थे, जिन में कई ताजिमी ठिकाणों के सोनानवीस थे, इन में बाकरा ठाकुरसाहब की महरबानी विशेष उल्लेखनीय है, आप अपने ठिकाने के करीब सब घोडे लेकर गोल पधारे थे और इन्हीं घोडों से प्रतिष्ठा के वरघोडे की शोभा अधिक बढती थी। 21 स्वदेशी-दवाखाना उत्सव की तैयारी मुजब पहले ही आगाही मिल चुकी थी कि गोल में एक बड़ा भारी मैला होनेवाला है / इस मैले में पधारने वाले महमानों में से किन्ही को कुछ भी शारीरिक तकलीफ हो जाय तो उन की सेवा चिकित्सा के लिये गोल में एक छोटासा स्वदेशी दवाखाना भी खोल दिया था, जिस में जरूरी दवाइयां तैयार रक्खी थीं। इस दवाखाने में डाक्टर श्रीयुत लाभशंकरजी आचार्य बुलाये गये थे जो 'आयुर्वैदिक' और 'एलोपेथिक इन दोनों पद्धतियों के एक अनुभवी चिकित्सक हैं।