________________ बन्ध . 4.6 श्री गोलनगरीय-पावना प्रतिष्टा-प्रबन्ध 1151) रुपया में श्रीऋषभदेवजी के मंदिर तोरण बांदने का आदेश श्री सांथु निवासी मुंहता बीठाजी, सोन. मल, सागरमल, मुंहता परखाजी के बेटों पोतों ने लिया। 201) रुपया में श्री ऋषभदेवजी के मंदिर में श्री गोमुख यक्ष स्थापन करने का आदेश लूणिया मुंहता त्रीकमजी, चूनीलाल, भानमल, जवानमल, दीपचंद, मुंहता मूलाजी के बेटों पोतों ने लिया। 171) रुपया में श्रीऋषभदेवजी के मंदिर में श्री चक्रेश्वरी देवी स्थापन करने का आदेश सा० छोगाजी वच्छा जी ने लिया। ऊपर के दोनों मंदिरों संबन्धी कुल चढावे द्वितीय वैशाखशुदि 4 की रात में बोले गये थे, और उसी समय सेंकडों गाम नगरों के श्रीसंघ की सभामें इन चढावों के आदेश अंतिम बोली बोलने वालों को दिये गये थे। वह समय ही अपूर्वउत्साहजनक था। भाग्यशाली श्रावक अपनी लक्ष्मी का सदुपयोग करने के लिये एक एक से आगे बढते थे और जब किसी भी चढावे का आदेश उन को मिलता तब वे इतने आनंदित होते थे मानों उन्हें . किसी अपूर्व पदार्थ की प्राप्ति हुई हो।