________________ 406 श्री गोलनगरीय-पार्श्वनाथप्रतिष्ठा-प्रबन्ध भी अधिक प्रमाण में गेहूं का पुलाव ( खाकला ) खरीद कर एकत्र किया था। (8) वरघोडासाज-समिति - वरघोडे का साज-सामग्री इकट्ठी करने के लिये भी 4 सभ्यों की एक समिति नियत की गयी थी / इस समिति ने उदयपुर जाकर पण्डित सुखदेवप्रसाद जी के पास उदयपुर के हाथियों की मांगनी की, परन्तु गैररियासत का मामला बता कर पण्डित साहब ने हाथियों के भेजने में कठिनायी बतायी, इससे समिति के सभ्यों ने एक हाथी घानेराव ठिकाने से और एक हाथी खेरवा ठिकाने से लाना वहां जाकर तय किया / उसी दौरे में जोधपुर जाकर वहां का बेंड बाजा मंगवाना निश्चित किया। इसके अतिरिक्त आहोर से सोना चांदी के रथ पालकी आदि और अन्य स्थानों से अन्यान्यसामान लाना निश्चित कर दिया / (9) मन्दिर कमठा-समिति उस समय दोनों मन्दिर जी के रिपेर काम और जरूरी कार्य पूरा करने के लिए कमठा चल रहा था। करीब 25 कारीगर और 50 मजदूर हमेशा काम कर रहे थे, इन सब पर निगरानी रखने, जरूरी सामान तैयार रखने, हाजरी पास