________________ श्रीजैनशान-गुणसंग्रह देने लेने और पगार चुकवाने का कार्य इस समिति के सुपुर्द था। . (10) प्रकीर्णप्रबन्धक - ऊपर लिखे मुजब भिन्न भिन्न कार्य भिन्न भिन्न समितियों में बांट दिये गये थे फिर भी छोटे बडे अनेक कार्य थे, जैसे पुलिस पार्टी का इन्तजाम, चौकी पहरे का बन्दोबस्त, स्वयंसेवक मण्डलों के बुलाने का प्रबन्ध, इलेक्टरी और गैस की दीवा बत्तियों के मंगवाने का बन्दोबस्त, नगर में योग्यस्थानों में और प्रवेशमार्गों पर दरवाजे खडे करवाना आदि / ये सब कार्य पञ्चोंने और अन्यान्य सजनों ने किये / 13 प्रतिष्ठामण्डप सब समितियों में भोजनमण्डप-समिति और प्रतिष्ठामण्डप-समिति का कार्य सबसे अधिक जवाबदारी का था। सारे उत्सव का मुख ये दो ही कार्य थे जो उक्त समितियों के सुपुर्द थे / भोजनमण्डप-समिति के कार्य की रूपरेखा ऊपर दी जा चुकी है / अब हम प्रतिष्ठामण्डप का दिग्दर्शन करायेंगे। - प्रतिष्ठामण्डपसम्बन्धी सबसे टेढा मामला उसके योग्य जमीन की पसन्दगी का था। गांव वालों के इसमें तीन मत