________________ 176 - 5 विविध विचार अज्ञानता है ? / कई जगह ऐसा भी अकसर देखा गया है कि कारण वाली स्त्री गोबर ला कर घर में लीपणे का काम करती है अगर बुद्धि से विचार किया जाय तो घर में लीपना शुद्धि के वास्ते है और जब वह स्त्री तो खुद अशुद्ध हालत में है तो फिर उसके हाथ का लीपना किस काम का ?, यह तो उल्टा ज्यादा अशुद्ध हुआ / इस लिये इस विषय में कारणवाली स्त्रियों को बहुत सोच विचार कर चलना चाहिये / . मरण संबंधी सूतक घर का कोई मनुष्य गुजर जाय तो 12 दिन का सूतक होता है, 12 दिन तक उस के घर से मुनिराज आहार पानी नहीं ले सकते, उसके घर के जल से जिनपूजा नहीं हो सकती ऐसा निशीथचूर्णि में कहा है / तथा 12 दिन तक उस घर वाला पूजा सामायिक प्रतिक्रमण नहीं कर सकता, पुस्तक और माला के हाथ नहीं लगा सकता, माला गिनने का नियम हो तो होठ हिलाये विना मन में नवकार मंत्र गिने और मंदिर दर्शन भी बाहर से ही करे। . निशीथ सूत्र के सोलहवें उद्देशे में जन्म और मरण का घर दुगंछनिक (अशुद्ध) कहा है। मृत्यु वाले के पास सुवेतो दिन 3 पूजा नहीं हो सकती। खांधिया या मुडदे को छूने वाला दिन 3 पूजा पडिकमणादि नहीं कर सकता मगर मन में नवकार गिने तो कोई हर्ज नहीं।