________________ 374 5 पदसंग्रह रावण के प्रति सीता का वाक्य अरे रावण तूं धमकी दिखाता किसे. मुझे मरने का खोफ खतर ही नहीं। मुझे मारेगा क्या अपनी खेर मना, ... तुझे होने की अपने खबर ही नहीं // 0 // क्या तूं सोने की लंका का मान करे, मेरे आगे यह मिट्टी का घर ही नहीं / मेरे मन का सुमेरु हिलेगा नहीं, मेरे मन में किसी.का भी डर ही नहीं ॥अरे०॥१॥ तूने सहस अठारा जो रानी वरी, हाय उन पे भी तुज को सबर ही नहीं। परतिरिया पे तूने जो ध्यान दिया, क्या निगोदो नरक का खतर ही नहीं / अरे० // 2 // आवे इंद्र नरेंद्र जो मिलके सभी, क्या मजाल जो शीलको मेरे हरे। तेरी हस्ती है क्या शिव राम पिया, .. मेरी नजरों में कोइ बशर ही नहीं। अरे० // 3 //