________________ 394 श्री गोलनगरीय-पार्श्वनाथप्रतिष्टा-प्रबन्ध चढावा एक ही जाजम पर होना यह उक्त महाराजश्रीका अतिशय और उस दिन के पुष्याकयोग का प्रबल प्रभाव समझा गया। 10 कुंकुम पत्रिका ___ नौकारसियाँ निश्चित हो जाने के बाद महाराजसाहब के द्वारा क्रियाविधान के दिन मुकरर होकर आपही के तत्वावधान में श्री सकल जैन संघ को निमन्त्रित करने के लिये कुंकुमपत्रिका का मसोदा तैयार हो गया जो अक्षरशः नीचे मुजब है। // श्रीजिनाय नमः // // अनन्तलब्धिनिधानाय श्रीगौतमस्वामिने नमः // अब // परमसुविहितशिरोमणितपागच्छाचार्य श्री 1008 श्री विजयसिद्धिसूरी श्वरपरमगुरुभ्यो नमः //