________________ ___ श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह हरखचंद, मांगीलाल बेटा पोता किसानजी की तरफ से निनाणु प्रकार की पूजा तथा नोकारसी होगी। (9) शुदि 4 गुरु-दीक्षा कल्याणकमहोत्सव तथा अधिवासना विधान होगा और बंदा मुंहता फोजमल, जुहारमल, हंजारीमल, कुनणमल, देवराज, शुकराज, नथमल, रिखबचंद, हस्तीमल, बेटा पोता केरींगजी की तरफ से अंतरायकर्म की पूजा तथा नोकारसी होगी। ___ (10) शुदि 5 शुक्र-केवलज्ञानकल्याणकविधिपूर्वक शुभलग्न-नवांशक में जिनबिंबों की अंजनशलाका प्रतिष्ठा होगी सिद्धिकल्याणकविधि होगी और शुभलग्न-नवांशक में श्री पार्श्वनाथ आदि 7 जिन भगवान नवीनप्रासाद में तथा पमप्रभ आदि 2 जिन भगवान प्राचीनचैत्य में तख्तनशीन किये जायंगे और अधिष्ठायक यक्ष यक्षिणी यथास्थान प्रतिष्ठित किये जायंगे, दोनों जिनमंदिरों पर सुवर्णकलश ध्वजा दंड आरोपण होंगे और भणशाली सा० दीपचंद, सागरमल, हस्तीमल, वस्तीचंद वेटा पोता सदाजी की तरफ से सतरह भेदी पूजा तथा बडी नोकारसी होगी। (11) शुदि 6 शनि-प्रातःसमय द्वारोद्घाटन विधि होगी और भणशाली मुंहता जोधाजी, भलेचंद, पुखराज बेटा पोता गुलबाजी की तरफ से बृहत्शांतिस्नात्र पूजा और नोकारसी होगी।