________________ 397 . श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह श्रीकल्याणविजयजी के सदुपदेश से विक्रमसंवत् 1991 (मारवाड की गणना मुजब 1990) के द्वितीयवैशाख शुदि 5 वार शुक्र ता० 18 मई ईसवी सन् 1934 के दिन करना निश्चित किया है / यह अंजनशलाका-प्रतिष्ठा परमपूज्य प्रातः स्मरणीय सुविहितसूरिशिरोमणि तपागच्छाचार्य श्री१००८ श्रीविजयसिद्धिसूरीश्वरजी महाराज की आज्ञानुसार उन्ही के सूरिमंत्रोपमंत्रितवासक्षेप से पुरातत्ववेत्ता मुनिश्रीकल्याणविजयजी तथा मुनि सौभाग्यविजयजी के शुभहस्त से होगी और इसका क्रियाविधान महाराज साहिब की आज्ञानुसार गुरां साहिब श्रीभक्तिसोमजी करावेंगे। इस महोत्सवसंबन्धी शुभकार्य करने के लिये नीचे - मुजब दिन मुकरर किये गये है (1) वैशाख वदि 11 बुध-जलयात्रा का वरघोडा, वेदि. कापूजन, मंडपमें प्रतिमास्थापन, तथा कुंभस्थापन होगा और चंदा मुंहता छोगालाल मुलतानमल धींगडमल बेटा पोता कपुरचंदजी की तरफ से नवपदजी की पूजा तथा नोकारसी होगी। (2) वदि 12 गुरु-नंद्यावर्त तथा अष्टमंगल पूजन-स्थापन होगा और सा० साहेबचंद, कुनणमल, रिखबदास, हमीरमल मुनीलाल गेवरचंद, रूपराज, विजेराज, बेटा पोता ताराचंदजी की तरफ से नंदीश्वरद्वीप की पूजा तथा नोकारसी होगी