________________ 400 श्री गोलनगरीय पार्श्वनाथप्रतिष्टा-प्रबन्ध होनेवाले महोत्सव की रूपरेखा मनोहर और विशाल प्रतिष्ठामंडप में महातीर्थ श्रीशत्रुजय और गिरनारगिरि की सुंदर रचना के उपरांत समवसरण की रचना होगी, पूजा पढाने के लिये प्रसिद्ध गये और भक्तिभावना के लिये जैनगायनमंडली आयगी, उत्सव के दिनों में हमेशा नयी नयी अंगियां और रोशनी होगी, सोना चांदी के रथ, पालखी, हाथी, घोडे और अंग्रेजी बेंड आदि सामग्री के साथ नित्य वरघोडे निकलेंगे, टकारखाना और किटसन लाइट आदि साधन भी महोत्सव की शोभा में वृद्धि करेंगे। .... इस महामांगलिक धार्मिक कार्यप्रसंग पर आप श्रीसंघ अपने अपने मित्रमंडल और कुटुंब परिवार सहित पधारने की अवश्य कृपा करेंगे, क्योंकि श्रीसंघ के पधारने से श्री जिनशासन की विशेष उन्नति होगी, यही अर्ज / . वीर संवत् 2460, विक्रम संवत् 1990 का प्रथम वैशाख वदि 11, ता. 10-4 ईसवीसन् 1934 . . .. श्रीसकलसंघ-गोल की तरफ से सा० दीपचंद सदाजी का जयजिनेंद्र पांचना जी। नोट-रेलमार्ग से गोल आने बालों को विसनगढ़ और बाकरारोड उतरना चाहिये, दोनों स्थानों से गोल 5 कोस के फासले पर है / मोटर, बैलगाडी, ऊंट विगैरह वाहन मिलते हैं। एरनपुरा रोड से आने वाले मोटर से आ सकते हैं।