________________ . श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह 381 किन किन भगवान की किस प्रमाण की मूर्तियों की हमारे जरूरत है सो भी बतावें ता कि उन के बनाने का ऑर्डर दे दिया जाय !' इस पर महाराजश्रीने कहा-'आप लोगों की भावना अच्छी है परन्तु मेरी रायमें तो प्राचीन मूर्तियों को कहीं से प्राप्त कर प्रतिष्ठा कराना ही अच्छा है। क्यों कि नवीन मूर्तियों की अपेक्षा प्राचीन मूर्तियां कई कारणों से अच्छी हैं।' उत्तर में पंचों ने कहा-'हम को कुल 11 मूर्तियों की जरूरत है जो मनपसंद मिलनी कठिन हैं, इसलिये हमारी इच्छा तो नवीन बिंब मंगवा कर अंजनशलाका कराने की ही है फिर तो जैसी आप की आज्ञा / ' ... महाराज ने कहा-'ठीक है, एक वार आप मूर्तियों की तलाश में कहीं बाहर तो जायं / इस पर भी पता न लगेगा तो फिर देखा जायगा।' __पंचों ने महाराज साहब की सलाह मंजूर की और गोल की तरफ जल्दी विहार करने की प्रार्थना की। महाराज ने फर्माया-'आगामी माघ शुदि 5 से यहां पर उपधान होने वाले हैं और यह काम भी हमारे आधार पर उठाया गया है इसवास्ते उपधान की समाप्ति तक उधर विहार नहीं हो सकेगा। इस कार्य को समाप्त होते करीब आधा